आजाद परवाज
मैं आजाद स्वछन्द परवाजनहीं चाहिये बंधन का रिवाजउड़ मड़राता नीले गगन मेंअपने जीवन में खुश मगन हैं ना किसी की
Read Moreमैं आजाद स्वछन्द परवाजनहीं चाहिये बंधन का रिवाजउड़ मड़राता नीले गगन मेंअपने जीवन में खुश मगन हैं ना किसी की
Read Moreसच्चाई की कद्र नहीं परझुठे का बोलवाला हैप्यासे की ग्लास है खाली परशराबी के हाथ भरा प्याला है कैसा है
Read Moreतन्हाई में कभी चुपके से आनामन मष्तिष्क पे दस्तक दे जानादिल की हवेली का खोलुँ मैं द्बारमुस्कुरा कर समां जाना
Read Moreगाँव जवार उजड़ रहे हैंशहर बना नई आशियानाखेती बाड़ी कौन करे अबफैशन का नया जमाना गाँव की मिट्टी रो
Read Moreबेईमानोंं के देश मेंबेईमान बना है राजाबेईमानी की नीत प्रखरबेईमानी है जहाँ काजा ईमान की डूबी नैय्याप्रजा हुए हलकानभूखे मरते
Read Moreकुदरत क्यूँ हमसे नाराज हैये कैसा वर्षा का आगाज हैकिस भूल की सजा दे रही हैगाँव शहर सब डूबो रही
Read Moreउम्मीदों का शहर है मेरा ठिकानाहर चेहरा है जहाँ पे अनजानाफिर भी आशा की दीप जलायेनई संसार की ओर पाँव
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