पछुवा हवा
निष्ठुर हो गई शरद हवाऐं काम ना आई सूर्य की दुआयें रे पछुवा तुम बना है सयाना क्यूँ लॉघते हो
Read Moreदिल को जख्म तुमने दिया मरहम कौन लगायेगा मेरे बेवफा हमसफर समझ तुमको कब आयेगा कसमें तो खाई थी हमने
Read Moreशाम में सूरज को ढल जाने दो फिजां में खुशबू को महक जाने दो कोई मेरा रास्ता मत रोकना आज
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