बरखा बरसात
नभ पर आई बदरा की बारात सावन में छाई है ये दिन रात प्रकृति ने दी धरातल को सौगात लो
Read Moreनभ पर आई बदरा की बारात सावन में छाई है ये दिन रात प्रकृति ने दी धरातल को सौगात लो
Read Moreहाथ पकड़ कर मेला में जब हमको तुम ले जाते थे पानी पुड़ी की ठेला पर चार आने में फुसलाते
Read Moreअग्निपथ पर दौड़ेगा वो नौजवान जो है भारत माता की सच्ची संतान भ्रम फैला रहा है देश में कोई अनजान
Read Moreमुरझाने ना पाये उसे इतना नमी देना आशा की किरण बुझने ना पाया अय रब हमें शक्ति भी देना ख्वाबों
Read Moreकर्म की खुशबू जब जब महकेगा जल थल तेरी भी नमन करेगा करते जा जीवन में सत्यकाम महक उठेगा तेरी
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