गजल दे जायेंगे
लफ्जों के संग का महल दे जायेंगे होठों को छूकर गजल दे जायेंगे जिसकी खुशबू महकेगी दूर तक खूबसूरत इक
Read Moreलफ्जों के संग का महल दे जायेंगे होठों को छूकर गजल दे जायेंगे जिसकी खुशबू महकेगी दूर तक खूबसूरत इक
Read Moreजीवन है संघर्ष अगर और आँखों में अश्रु की धारा है। धैर्य न खोना बस ये सोचना तू भी किसी
Read Moreखुद को ढंक रहा है एक बदन सर्द रातों में। खोया है उसने अपनों को किन बेदर्द हालातों में। भरपेट
Read Moreजब खेल कर घर में आता था। तब तुझसे लिपट मैं जाता था। भूख-भूख कहने से पहले मैं खाना सामने
Read Moreकभी किसी को छोटा समझ कर उसकी अवहेलना करना कितनी बड़ी भूल हो सकती है इसका एहसास मुझे मेरे साथ
Read Moreमैं मजदूर हूँ या मजबूर घृणित दृष्टि घूर रही जैसे अपराध किया हो संसार में आकर। मगर जब मध्यरात्रि में
Read Moreक्या कोई पुत्र देख सकेगा माँ को चौराहे पर आस लगाये हुए। चन्द रोटी के टुकड़ों की खातिर सबके आगे
Read Moreजिसमें उड़ कर न गगन मिले न जमीं पर ही ठहरे कदम। बिखरे बचपन बारिश बन जिसमें जवानी धुएं के
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