लघुकथा – बेबसी
प्रयाग पुस्तक भवन के भव्य काउण्टर पर पुस्तकें देख रहे तुषार को एकाएक अपनी पसंद की पुस्तक मिल गई थी,
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Read Moreराघव अपनी पुत्री ऋचा के युवा होने पर उसके लिए एक उपयुक्त वर की तलाश कर रहा था। उसने कई
Read Moreमैंनेअपने पापों के लिएखुद को माफ कर दिया है ।तुम भी माफ कर देनामुझेइस उम्मीद के साथलिख रहा हूं तुम्हें।मुमकिन
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