कविता वाई. वेद प्रकाश 06/04/202506/04/2025 0 Comments समय समय एकशब्द भर नहीं हैयह एक सच है सपने सा।कांपता हुआ शिखर परकिसी आश्चर्य की तरहजगमगाता हुआ पर्वत परचांद सितारों Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 06/04/202506/04/2025 0 Comments ग़ज़ल खुद को खुद में पाकर देखो ।मुझको गले लगा कर देखो।सारी दुनिया याद करेगी,संघर्षों में आकर देखो।हक कितना रखते हो Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 31/03/202531/03/2025 ईद मुबारक दिखा रहा जो आसमान को उस दर्पण को ईद मुबारकझांक रही जो रोशन किरणें उन किरणों को ईद मुबारक।जलते – Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 06/03/202506/03/2025 ग़ज़ल मुझमें एक अधूरा जीवन रहता है तो रहने दो।ख्वाहिश का पूरा खाण्डववन रहता है तो रहने दो।फूलों की पंखुड़ियां नोचा Read More
कविता वाई. वेद प्रकाश 05/03/202505/03/2025 कविता ज़िन्दगी सिर्फ फूलों कीसेज भर नहीं हैकांटों का सफर भी है।तुमने चुने थे फूलसजाने को ज़िन्दगीआखिर कहां से आ गयेकांटें Read More
कविता वाई. वेद प्रकाश 10/02/202510/02/2025 आखिरी पुकार मेरे मुंह से निकलीइतनी साफ मधुर आवाज की पुकारभले ही न सुनाई पड़ी हो तुम्हेंलेकिन मेरे शब्दों की ऊर्जा सेजरूर Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 07/02/202507/02/2025 ग़ज़ल ज़िन्दगी तुझको बदलना चाहता हूं।प्यार के सांचे में ढलना चाहता हूं।एक दुनिया मेरे भीतर भी तो है,जिसके बाहर मैं निकलना Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 02/01/202502/01/2025 ग़ज़ल थोड़ा उस पर मरता हूंथोड़ा जिन्दा रहता हूं।प्यार मिले मुझको उसका,फितरत ऐसी करता हूं।खोना उसका मुमकिन है,इतना तो मैं डरता Read More
कविता वाई. वेद प्रकाश 02/01/202502/01/2025 कविता चिड़ियों को आसमान मेंउड़ते देखकरमेरी भी इच्छा होती हैउड़ने की ही नहींआगोश में लेने कीपूरे आसमान को।कितना आजाद औरअनंत है Read More
कविता वाई. वेद प्रकाश 06/12/202406/12/2024 कविता धरती में दबा बीजउगा देता है पौधा।लहलहाती हैं फसलेंदूध में आते दानेमुलायमबेहद मुलायमसतरंगी आभा लिए ।जीवन संगीत साबजने लगता है Read More