ग़ज़ल
मुझमें एक अधूरा जीवन रहता है तो रहने दो।ख्वाहिश का पूरा खाण्डववन रहता है तो रहने दो।फूलों की पंखुड़ियां नोचा
Read Moreमेरे मुंह से निकलीइतनी साफ मधुर आवाज की पुकारभले ही न सुनाई पड़ी हो तुम्हेंलेकिन मेरे शब्दों की ऊर्जा सेजरूर
Read Moreआखिर क्यों नहीं बन पायेहम सबएक सभ्य नागरिकएक महान देश केबेहद महत्वपूर्णऔर विचार कामुद्दा है यह।सभ्य नागरिक बनानें की दुकानेंआजादी
Read Moreप्रयाग पुस्तक भवन के भव्य काउण्टर पर पुस्तकें देख रहे तुषार को एकाएक अपनी पसंद की पुस्तक मिल गई थी,
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