गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 05/08/202305/08/2023 ग़ज़ल देश हुआ श्मशान कि हम खुश हो लें जी बढ़े चौगुने दाम कि हम खुश हो लें जी। चलते-चलते बहुत Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 08/07/2023 ग़ज़ल इस तरह मिलना -मिलाना आ गया। जिंदगी के पास आना भा गया। रुप का दिखना तुम्हारे इस तरह, चांद धरती Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 12/06/2023 ग़ज़ल प्यास की बेचैनियां पर था नहीं पानी नसीब, एक दरिया बह रहा था तिश्नगी के वास्ते। सिर्फ सूखे ठूंठ जैसी Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 05/05/2023 ग़ज़ल किससे किसको डर लगता है। खुद को खुद से डर लगता है। शैतानों के क्या कहने अब, इंसानों से डर Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 01/03/2023 ग़ज़ल ऐसा पहली बार हुआ है शायद मुझको प्यार हुआ है। चुपके -चुपके तुम्हें देखता आंखों से इज़हार हुआ है। भीतर Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 03/01/2023 ग़ज़ल टपक रहा है प्यार तुम्हारी आंखों में। फैला यह संसार तुम्हारी आंखों में। दुनिया भर की रंगीनी के क्या कहने, Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 21/12/2022 ग़ज़ल मन -उपवन में फैली खुशबू उस खुशबू को प्यार मुबारक। खिले -खिले यौवन की खुशबू उस खुशबू को प्यार मुबारक। Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 06/10/2022 ग़ज़ल समय के साथ चलते तुम मुस्कुराना भूल जाती हो। मोहब्बत करके तुम उसको जताना भूल जाती हो। हवा में बात Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 04/09/2022 ग़ज़ल गुल ही गुल है खार निभा थोड़ा सा किरदार निभा। तंग गली में चलना सीख तब विस्तृत संसार निभा। मिलना-जुलना Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 22/07/2022 ग़ज़ल बोयेगा तू दर्द ज़माना, आंसू-आंसू रोयेगा। अब तक जितना पाया था, सब धीरे-धीरे खोयेगा। भूख मिटाने खातिर बच्चा, कुछ खाकर ही सोयेगा। हुई Read More