कहानी – दुनिया का गम
आज न जाने क्यूँ खुद को बहुत ग्लानि महसूस हो रही थी ।सोचती थी कि भगवान ने मुझे ही इतना
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Read Moreगाँव को गाँव ही रहने दो, इसे शहर न बनाओ । शहर की सुविधाओं को अब गाँव में ही ले
Read Moreप्रीति – मम्मी मेरी चोटी कर दो मुझे स्कूल मे देर हो रही है। मम्मी- हाँ जल्दी आओ चोटी कर
Read Moreमैं एक शिक्षिका हूँ काफी दिनों से बच्चों को कविता बनाकर बच्चों को पढ़ाने का शौक था पर वर्तमान में
Read Moreमै बेटी हूं कोई पशु नही , मेरा अस्तित्व इस दुनिया के हर कोने मै है । बेटी को कोख
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