आदिवासी समाज और साहित्य चिंतन : साहित्य की विविध विधाओं की अभिव्यक्ति
डॉ जनक सिंह मीना और डॉ कुलदीप सिंह मीना के संपादन में सद्यःप्रकाशित पुस्तक ‘आदिवासी समाज और साहित्य चिंतन’ में
Read Moreडॉ जनक सिंह मीना और डॉ कुलदीप सिंह मीना के संपादन में सद्यःप्रकाशित पुस्तक ‘आदिवासी समाज और साहित्य चिंतन’ में
Read Moreजिस साहित्यकार के साहित्य में अपने समय की संवेदना व्यक्त नहीं होती उसका लेखन शीघ्र काल-प्रवाह में विलीन हो जाता
Read Moreनैसर्गिक सौंदर्य, सदाबहार घाटी, वनाच्छादित पर्वत, बहुरंगी संस्कृति, समृद्ध विरासत, बहुजातीय समाज, भाषायी वैविध्य एवं नयनाभिराम वन्य-प्राणियों के कारण देश
Read Moreहिंदी के वरिष्ठ कथाकार नवनीत मिश्र की कहानियां नई संवेदना और नए तेवर से युक्त हैं I मिश्र जी की
Read Moreलोकजीवन से खाद–पानी, रस–राग और मिट्टी की सोंधी गंध ग्रहण कर अपनी कथाकृतियों को आकार देनेवाले हिंदी के वरिष्ठ कथाकार
Read Moreहिंदी के वरिष्ठ कथाकार जयराम सिंह गौर आम जनजीवन से रूप, रस, गंध और प्रेरणा लेकर अपनी कथाकृतियों को आकार
Read Moreजिस दिन पार्थ चटर्जी के घर से करोड़ों रुपए बरामद हुए उस दिन से मेरे घर में महाभारत छिड़ा हुआ
Read Moreसूचना क्रांति के इस युग में भी पूर्वोत्तर भारत और शेष भारत के बीच अपरिचय का हिमालय यथावत खड़ा है
Read Moreभारत भूमि का एक टुकड़ा मात्र नहीं है, बल्कि यह हजारों वर्षों की ज्ञान परंपरा है, वसुधैव कुटुम्बकम का उद्घोष
Read Moreकाल की गति बहुत निर्मम होती है, उसकी समरस चक्की सबको पीसती चलती है I समय सबसे बड़ा गुरु, न्यायाधीश
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