यादों का पिटारा
बहुत कीमती सामान था मेराउस यादों के पिटारे मेंभुलाना तो बहुत चाहापर वक़्त ने भूलने न दिया मैं मानती रही
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Read Moreमाँ तो नहीं रही, लेकिन हाँ माँ के नाम कुछ बीमा था, बैंक बैलेंस भी था, क्योंकि माँ गवर्नमेंट कॉलेज
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