रिश्ते
ये कैसे रिश्ते हैं आजकल केजो मुँह पर कुछ औरऔर असली जिंदगी में कुछ और ?क्या मतलब है ऐसे रिश्तों
Read Moreबहुत कीमती सामान था मेराउस यादों के पिटारे मेंभुलाना तो बहुत चाहापर वक़्त ने भूलने न दिया मैं मानती रही
Read Moreमाँ तो नहीं रही, लेकिन हाँ माँ के नाम कुछ बीमा था, बैंक बैलेंस भी था, क्योंकि माँ गवर्नमेंट कॉलेज
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