कविता *वर्षा वार्ष्णेय 20/01/202520/01/2025 0 Comments कविता अजब सी कहानी है यहाँ हर शख्श कीमुस्कराहट के पीछे दर्द छिपाए हैबुलबुलों जैसी जिंदगी पर आवरण हैझूठ का जो Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 20/12/202420/12/2024 नववर्ष नववर्ष की परिकल्पनाकल्पना ने यूँ उकेर दीअंतर्मन में छुपी हुई होजैसे आकाँक्षा बचपन की पेड़ों पर हो चहचहातीपक्षियों की आवाजेंघोल Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 17/11/202417/11/2024 सुनो न… मन व्यथित है कुछ कहने कोसुनने को कुछ तुमसे गुनगुनाने कोसब कुछ तो वहीं स्थिर है आज भीवो रास्ते ,वो Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 19/10/202419/10/2024 स्मृतियाँ स्मृतियाँ जीवित रहती हैं सदामन के किसी कोने में यादें बनकरअमृत की चाह में सदैव अश्रुबहकर सूख जाया करते हैंपतझड़ Read More
लघुकथा *वर्षा वार्ष्णेय 19/09/202419/09/2024 दिल के रिश्ते माँ तो नहीं रही, लेकिन हाँ माँ के नाम कुछ बीमा था, बैंक बैलेंस भी था, क्योंकि माँ गवर्नमेंट कॉलेज Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 18/08/202418/08/2024 कविता कैसे करूँ मैं खुद को तेरे काबिल ऐ जिंदगीजब भी आदतें बदलती हूँ तू सवाल बदल देती है जीने की Read More
गीतिका/ग़ज़ल *वर्षा वार्ष्णेय 22/07/202422/07/2024 ग़ज़ल मेरे दिल का गम तुम कैसे जान पाओगेहँसते हुए चेहरे के पीछे का दर्द कब समझ पाओगे क्या क्या नहीं Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 02/07/202402/07/2024 कविता पुल पर खड़े होकरदर्द को निहारता आदमीसाइकिल पर चलकरगम ढोता आदमीअपने ही विचारों मेंमगन भाग्य कोसता आदमीकौन किसको सुनाए अपना Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 10/06/202410/06/2024 कविता तुम कहते हो बेटियाँसौभाग्य से होती हैंलेकिन क्या वो सच मेंभाग्य लेकर पैदा होती हैं लगा देता है एक बापअपनी Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 24/05/202424/05/2024 कविता शेष शब्दों का भारप्रतिध्वनि की पुकारअंतरात्मा विह्वल हुईसुनकर करुण चीत्कार इंसान की प्रकृति वहीनिष्क्रियता को न चाहेमन का गुरूर अहंकारवेदना Read More