कविता *वर्षा वार्ष्णेय 27/09/2018 गीत भूला बिसरा गीत हूँ मैं , जब चाहा गुनगुना लिया । खुदा की कोई भूल हूँ मैं , जब चाहा Read More
गीत/नवगीत *वर्षा वार्ष्णेय 27/09/2018 इंतजार जबसे गए हो तुम पिया , न खत भेजा न पूछी बात । जबसे मिले हो तुम पिया , न Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 27/09/201805/10/2018 इबादत इबादत ही तो है जिंदगी , कर्म करो फल की इच्छा मत करो । अहसान ही तो है जिंदगी ऊपरवाले Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 16/08/2018 जीवन उदासियों के घेरे में बुलंदियों की ऊंचाई है , तन्हाई है वहां जिसके मन मे सच्चाई है । प्रेम का Read More
गीत/नवगीत *वर्षा वार्ष्णेय 16/08/2018 दौर महाकवि नीरज जी को दिल से नमन 💐💐💐💐💐💐💐💐💐 वो दौर भी अजीब था , खिले खिले थे फूल से Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 16/08/2018 आह आह की तुम बात न करो , आंसुओं को कब भिगो पाया है जहां बहती ही रही नदी निस्वार्थ भाव Read More
गीतिका/ग़ज़ल *वर्षा वार्ष्णेय 27/07/201828/07/2018 मोहब्बत बैरन धूप और रक्त की छांव पर गुरूर क्या करना , तन्हाई के सबब को यूँ सरेआम बयान क्या करना Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 27/07/2018 एक इंच मुस्कान एक इंच मुस्कान मिल जाती है डेली , ख्यालों में यूँ ही तुम्हे सोचते हुए , साथ जीने के लम्हे Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 27/07/2018 बरसात जीने का सबब जगाती है ये बरसात , बिन मौसम के भी आ जाती है बरसात । कहीं पर Read More
कविता *वर्षा वार्ष्णेय 13/07/201815/07/2018 दुनिया आह की तुम बात न करो , आंसुओं को कब भिगो पाया है जहां बहती ही रही नदी निस्वार्थ भाव Read More