हमसफर
पुलकित हो झूम जाती हूँ , अक्स तेरा चहुँ ओर पाती हूँ । मैं हूँ कागज तुम मेरी पाती हो
Read Moreऔरत तेरी यही कहानी, हाथों में पैन आंखों में पानी ,
Read Moreचांदनी रातों में अहसास भी करीब होते हैं , चाँद के नजारे भी जैसे रकीब होते हैं । पिघल रही
Read Moreजीने की उम्मीद में क्यों चाक दामन करते हो हर दिन क्यों रोते हो उम्मीदें हजार करते हो मायूसी से
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