इश्क़
जुस्तजू में प्यार की बैचैनी ओढ़ लेते हैं लोग उम्र भर का रोग क्यों मोल ले लेते हैं लोग । ऐतबार
Read Moreचांदनी रातों में अहसास भी करीब होते हैं , चाँद के नजारे भी जैसे रकीब होते हैं । पिघल रही
Read Moreजीने की उम्मीद में क्यों चाक दामन करते हो हर दिन क्यों रोते हो उम्मीदें हजार करते हो मायूसी से
Read Moreत्याग ,प्यार ,स्नेह ,परहित की भावना । निश्छल प्रेम की है अद्रश्य याचना । थक जाते हैं कदम भी अनजानी
Read Moreप्यार हवा जैसा ही तो होता है , चाहते हैं जिसे छूना हर पल । प्यार आँसूं की फुहार है
Read Moreटूटे हुए टुकड़ों को काश संभाला होता आशियाँ को अपने यूँ न जलाया होता गैरों को अपना बनाने की हसरत
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