उसूलों की जेल
अंशु ने अभी-अभी अपने ससुराल की दहलीज पर कदम ही रखा था तभी धीरज की बुआ ने कहा ” बहु
Read Moreअंशु ने अभी-अभी अपने ससुराल की दहलीज पर कदम ही रखा था तभी धीरज की बुआ ने कहा ” बहु
Read Moreदर्द का हद से गुजर जाना दवा बन जाता है!समय के बाद मिला दवा जहर बन जाता है!! जुर्म का
Read Moreउम्र गुज़री है जिसकी सरमाई मेंमौत भी आए उसके परछाई में ! अक्सर हम सोचते हैं तन्हाई मेंतुम बस गए
Read Moreवक्त की रफ्तार है बड़ी तेजलेकिन वक्त हमारा बदल रहा नहीं!दिन महीने साल गुजर रहेलेकिन खुशियां न मेरे हाथ लगी!अनन्त
Read Moreधार्मिकता और धर्मांधता में भेद मिटते देखाआज इंसान को हमने हैवान बनते देखा ! पाप पुण्य के रस्सी कस्सी में
Read Moreअच्छे वक्त के इंतजार में ये बुरा वक्त भी गुजर जाएगालेकिन उसमे उपजा धैर्य फिर कहां से आएगा ! ख्वाहिशो
Read Moreबात बस इतनी सी है कि कुछ भी नहींये जो दुनिया है बस अपनी नहीं ! ख्वाबों की दुनिया बङी
Read Moreजिंदगी को इन दिनो शरारत सूझी हैहर दिन हर लम्हें दर्द बेहिसाब दे रही है कभी जब भी फुरसत के
Read More