‘क्रांति’
प्रक्षालित अंगुली पर निशान लगाए भीड़ को निहारती ईवीएम मशीन के पास खड़ी मैं बड़ी उलझन में थी..। वज्जि जातीय
Read Moreअस्सी-पचासी वर्ष का रामधनी जब-जब गाँव के युवकों को असमाजिक कार्य करते हुए देखता है तो उसे भीतर से बहुत
Read Moreवक़्त करवट बदलता जरूर ही है … तालियों की गड़गड़ाहट और वन्स मोर-वन्स मोर का शोर साबित कर रहा था
Read More“अरे! तुम इस समय?” अपने घर में आई कमला को देखकर चौंकने का अभिनय करने में सफल रहा हरेंद्र।
Read More.अनेकानेक दलों के मैनिफेस्टो को वह अबतक आकंलन-निरीक्षण-परीक्षण करता रहा था… आजतक कोई सरकार उसे ऐसी नहीं दिखी जो जारी
Read More“दी! दीदी! सामने देखिए वह वही हैं न , जिन्हें समाज की दुनिया में लाने के लिए हम इनके आशियाने
Read More“माँ! माँ आज मैं बेहद खुश हूँ… आप पूछेंगी ही क्या कारण है… पहले ही बता दूँ कि हमारी सारी
Read More“हैलो” “मम्मा आपसे एक बात करनी है…!” “हाँ! बोलो… तुम्हारी आज छुट्टी है क्या?” “हाँ माँ! यहाँ इस समय दस
Read More“क्या सुधीर तुम खुद अपनी शादी कब करोगे?” छठवीं बहन की शादी का निमंत्रण कार्ड देने आए सुधीर से संजय
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