कह* *मुकरी* *छंद*
आसमां से तारे लाती सबका दिल शीतल कर देती उसके बिन सुना जग सारा ए सखि साजन?ना सखि माता।
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Read Moreकोरोना कोरोना का कहर डर आजकल बना हुआ उथल पुथल है मची हुई मानव संघर्ष है छिड़ा हुआ! स्वदेशी अपनाकर
Read Moreश्रावण मास पवित्र है झर झर बरसे नीर शिवशंकर अविनासी है करत दुखों के दूर। भांग धतूरा खात है रहत
Read Moreकिस कदर चाँद तारों का आना हुआ, किस कदर कारवाँ का भी जाना हुआ, हम जमाने की कलियाँ , खिलाते
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