प्रभु एक आश है तेरी
लिखी तक़दीर में क्या खूब कभी समझ नही आती अपने दूर चले गए नादानी समझ नहीं पाए! जब मैं थी
Read Moreलिखी तक़दीर में क्या खूब कभी समझ नही आती अपने दूर चले गए नादानी समझ नहीं पाए! जब मैं थी
Read Moreसपनों की दुनिया में सपनों की तलाश में भींगी भींगी रातों में भींगी भींगी बाहों मैं प्रियतम तेरी याद आई।
Read Moreप्रीत मिलन की याद सतावे दे दो दर्शन प्यास बुझावे उनके बिन कुछ भी न भाता ए सखि साजन? ना
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