कविता

कोरोनावायरस

कोरोना कोरोना का कहर
डर आजकल बना हुआ
उथल पुथल है मची हुई
मानव संघर्ष है छिड़ा हुआ!

स्वदेशी अपनाकर हम सब
स्वच्छ भारत बना सकते
विदेशी चलन तिरस्कार कर
सुखमय जीवन जी सकते!

हाय, हैलो, शेक् हैंड से
ये जहर है खूब पनपता
भारतीय हम सब हाथ जोड़कर
इससे पंगा ले सकते हैं!

मांसाहारी त्याग करके
शाकाहारी को अपनावो
अपना जीवन स्वस्थ रखो
सुन्दर काया कल्प बनावो!
विजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।