लघु कथा – लाख़ बहाने
पण्डित भगवानदास जी का भरापूरा परिवार है। परिवार में सात बेटे, बेटों की पत्नीयाँ। पन्द्रह पोते-पोतियों की किलकारियों के संगीत
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Read Moreरसिक लाल ने कस्बे में कोल्ड वाटर सप्लाई का काम शुरू करने का इरादा अपने मित्रों को बताया तो उसके
Read Moreरात के दस बजे थे। दीपेन्द्र खाना खा कर अपने बंगले के पीछे बने पार्क में टहल रहा था। तभी
Read Moreकचहरी में ज्यादातर वक़ील सारा दिन ख़ाली ही बैठ कर चले जाते हैं| उनके पास सामाजिक, राजनीतिक और क्रिकेट की
Read Moreचेतना आज बहुत खुश है, परन्तु उसका दिमाग़ भी ख़लबली मचाए हुए है| लगभग बाईस वर्षों बाद उसके सास-ससुर उसके
Read More‘सुनती हो!’ ‘हाँ कहो!… क्या बात है?’ ‘लगता है मेरी चप्पलें घिस गयी हैं| अभी-अभी बाथरूम में फिसलते-फिसलते बचा हूँ|’ ‘शाम
Read Moreसंजय बहुत देर से सड़क किनारे खड़ा किसी सवारी गाड़ी या वाहन के आने इंतज़ार कर रहा था| जून की
Read More9/11/2016 को प्रधान मंत्री ने नोटबंदी का ऐलान किया तो पेट्रोल पम्प मालिकों ने उस दिन अपनी सेल दोगुनी की
Read Moreवाद पर बड़ा विवाद जहाँ देखो वहीँ परिवार वाद जाति वाद धर्म वाद प्रान्त वाद अंत में देश वाद और
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