Author: डॉ. विजय कुमार सिंघल

उपन्यास अंश

उपन्यास : शान्तिदूत (उन्तालीसवीं कड़ी)

राजसभा में पांचाली के वस्त्रहरण का कृष्ण द्वारा उल्लेख करने पर युवराज दुर्योधन आगबबूला हो गया, जैसे किसी ने उसको

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उपन्यास अंश

उपन्यास : शान्तिदूत (सेंतीसवीं कड़ी)

दुर्योधन की यह गर्वोक्ति सुनकर कृष्ण क्रोधित नहीं हुए, बल्कि दयनीय दृष्टि से दुर्योधन की ओर देखा और मंद-मंद मुस्कराते हुए

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उपन्यास अंश

उपन्यास : शान्तिदूत (चौंतीसवीं कड़ी)

अगले दिन प्रातःकाल कृष्ण और सात्यकि नित्यकर्मों से निवृत्त हुए। फिर राजसभा में जाने के लिए तैयार होने लगे। वहां

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