उपन्यास : शान्तिदूत (उन्नीसवीं कड़ी)
कृष्ण पांडवों के साथ अज्ञातवास में घटी घटनाओं पर विचार करने लगे। विराट नगर में पांडव किसी से अधिक सम्पर्क
Read Moreकृष्ण पांडवों के साथ अज्ञातवास में घटी घटनाओं पर विचार करने लगे। विराट नगर में पांडव किसी से अधिक सम्पर्क
Read Moreअब कृष्ण पांडवों के अज्ञातवास की अवधि की घटनाओं पर विचार करने लगे। अज्ञातवास का समय पांडवों के वनवास का
Read Moreपिछले दिनों चार प्रमुख घटनायें घटीं-1. उत्तर प्रदेश सरकार ने रमजान का तथाकथित पवित्र महीना शुरू होते ही अनेक मन्दिरों
Read Moreपांडवों के वनवास के बारे में सोचते हुए कृष्ण को दुर्योधन के वनविहार की घटना का स्मरण हुआ। अपनी जन्मजात
Read Moreअब कृष्ण वनवास में पांडवों के साथ घटी घटनाओं पर विचार करने लगे। वनवास में पांडव घास-फूस की कुटी बनाकर
Read Moreकृष्ण कौरवों की राजसभा में हुई आगे की घटनाओं पर विचार करने लगे, जैसा कि उनको बाद में ज्ञात हुआ।
Read Moreकृष्ण को कुरुओं की राजसभा में द्रोपदी के अपमान की सभी बातें बाद में ज्ञात हुईं। उनको इन घटनाओं का
Read Moreराजसूय यज्ञ के बाद की घटनाओं को याद करके कृष्ण का मन फिर खिन्न हो गया। इस यज्ञ के बाद
Read Moreअब कृष्ण राजसूय यज्ञ के समय हुई घटनाओं को स्मरण करने लगे। राजसूय यज्ञ करना सरल नहीं था। सबसे पहले
Read Moreकृष्ण को याद है कि उस समय वे द्वारिका में थे, लेकिन जैसे ही उनको कुरुओं के साम्राज्य के विभाजन
Read More