मुक्तक
भैया दूज की रोली है राखी का धागा है बेटियों से ही देश का सौभाग्य जागा है बेटे की चाह
Read Moreबीज मनमुटावों के अब बोना नहीं चाहता रिश्तों को अब गमों से भिगोना नहीं चाहता खो दूं भले कोई चीज
Read Moreक्रांति की दिव्य ज्योत और वीरता के प्रकाश को आओ मिलकर नमन करें हम नेताजी सुभाष को जन्म लिया था
Read Moreगुरु अगर न होते तो जग में राहें चुनना मुश्किल था गुरु न होते तो अर्जुन का अर्जुन बनना मुश्किल
Read Moreनहीं थे वे कोई आतंकी कुछ भटके नौजवान थे माना कि करते हैं देशद्रोह पर वे घाटी की शान थे
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