फिर शर्मसार हुई मानवता
फिर शर्मसार हुई मानवता फिर से जागा शैतान कोई फिर हैवानियत ग्रास बनी है फूल सी नन्ही जान कोई किया
Read Moreफिर शर्मसार हुई मानवता फिर से जागा शैतान कोई फिर हैवानियत ग्रास बनी है फूल सी नन्ही जान कोई किया
Read Moreमां की ममता है स्नेह अगाध से भरा हृदय गजब है सहने की क्षमता एक ओर दुनिया सारी एक
Read Moreले लिए हमारे वोट,अब छाप रहे हैं नोट दे गए दिल पर चोट, बेईमान नेताजी चुनाव से पहले गलियों में
Read Moreइतिहासों के भंडार से कोई कोना न खाली है गंगा गंडक के आंचल में बसी अपनी वैशाली है महावीर की
Read Moreसुना दो मुझे दिल का वो पैगाम जो भी हो नहीं है गम मुझे अब चाहे नीलाम जो भी हो
Read Moreनिगरानी के हत्थे चढ़कर नेता और अफसर जाते बापू अगर जिंदा होते तो ये देखकर मर जाते सपना देखा था
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