तुम्हें प्रेम नहीं अभिमान रहा
हे नर तुम्हें सदैव ही अभिमान रहा यहीं नारी जीवन का त्रस्त रहा सत्य युग हो चाहे त्रेता या फिर
Read Moreहे नर तुम्हें सदैव ही अभिमान रहा यहीं नारी जीवन का त्रस्त रहा सत्य युग हो चाहे त्रेता या फिर
Read Moreओह, तुम लौट आये मुझे यकी था तुम जरूर आओगे, ज्यादा दिन न मेरे बिन तुम रह पाओगे। क्योंकि –
Read Moreसुनो भगत सिंह तुमको फिर से , भारत में आना होगा सोये दिखते लोग यहाँ पर ,उन्हें फिर जगाना होगा
Read Moreचलो आज तुम्हें एक सरकारी स्कूल की कहानी सुनाता हूं नंगे पैर ,बदन पर मां के हाथों से सिला हुआ
Read Moreपरिंदों का बसेरा होता है प्रतिदिन जो सबेरा होता है चहचाहती खूब डालियाँ हैं कहीं कोयल तो कहीं सपेरा होता
Read Moreअदम्य शक्ति देशभक्ति सौम्यता का मेल था जो राष्ट्र के लिये जिया वो नाम एक पटेल था सरल स्वभाव था
Read Moreकितने दिनों बाद दिखे तुम ,कहां थे तुम न कोई खत न कोई खबर कही और तय कर रहे थे
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