कविता — मेरा देश !
सच में हमारा देश, साँपों का देश है ??छूपे हुए थे सालों-साल, ये बिलों में ।कहाँ नहीं हैं, निकल रहे
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Read Moreबाज के चंगुल में फँसी चिड़िया को सब व्यर्थ मृत्यु का झंझावात नजर आया किन्तु क्या ? फड़फड़ाने के सिवा
Read Moreईश्वर ने भी इस नारी का सदा किया सम्मानधन की देवी लक्ष्मी शक्ति दुर्गा की पहचान हर परीवार का अनमोल
Read Moreजैसे सूरज की किरणों के प्यार भरे स्पर्श से खारे पानी की बूंदे, वाष्प का रूप लेकर उन्नत राह पर
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