कविता : मत मारो इन बच्चियों को
मत मारो इन बच्चियों को, माँ कहाँ से पाओगे । मत तोड़ो इन कलियों को, फूल कहाँ से लाओगे। इनके
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Read More{बनेगा दूसरा हिंदुस्तान} वक्त है अभी माफी माँगकर सुधर जा पाकिस्तान, वरना तेरे जमीं पे बनेगा दूसरा हिंदुस्तान। वसुधैव कुटुम्बकम्
Read Moreदेखो खो चुके हैं कुछ नेता कैसे अपना ईमान-धरम सत्ता के लिए तो बेच डालेंगे ए अपना ही वतन ।
Read Moreदुनिया कायम है ………………… तुझे भूलना इतना मुश्किल भी नही है मगर वो आदते ही है जो अक्सर रास्ता रोकती
Read Moreफड़फड़ा रहे हैं मेरे पंख चीख रही है मेरी आत्मा घुट रही है सांसें जी चाहता है तोड़ डालूँ सारे
Read Moreथी कभी मै तुम्हारे लिए हिम पर्वत जो पिघल जाया करती थी तुम्हारे प्यार की हल्की सी चिंगारी से ……
Read Moreऐसा ना हो कि केवल राजनीति हो जाये गरीब पिछडा समाज अपना कल्याण होने से वंचित रह जाये आखिर कब
Read Moreउसकी आँखों में फिर मैंने देखा दर्द का वो बादल जो उमड़ रहा था बाहर निकलने को बारिश की बुंदों
Read Moreन होती कोई सीमा न होता कोई बंधन । मैं उड़के पल में चला जाता जहां कहता मेरा पागल मन
Read Moreन तो दिन था तुम्हारा कोई न रात, न कोई अपनी शाम ! न घर बार अपना याद तुम्हें न
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