मुँह में कृष्ण, बगल में बकरी !
मुँह में राम, बगल में छुरी ! मेरी माँ पूजा-प्रवृत्ति की वर्त्तमान परिभाषा के अनुसार ज़िद्दी और मनमानी-आस्तिकता के करीब
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Read Moreललन भैया को श्रद्धांजलि ! कटिहार शहीद चौक के पास एक होटल के बाहरी हिस्से के भूतल पर नितांत छोटा-सा
Read Moreमनिहारी, कटिहार (बिहार) के एक उच्च विद्यालय में हिंदी अध्यापक श्रीमान रविशंकर सिंह जी ने समीक्षक के तौर पर पुस्तक
Read Moreअचानक मेरी नज़र ‘प्रभात खबर’ के ‘लोगो’ पर पड़ा, जो अर्द्ध सूर्य के सामने उड़ती चिड़िया लिए है, किन्तु यह
Read Moreकई समाचार-पत्रों में प्रकाशित समाचारों के विशद विश्लेषण पर एक ‘मध्य विद्यालय’ में स्थानीय शिक्षाधिकारी द्वारा औचक निरीक्षण पर पड़ताल
Read More…. तो धर्मविहीन समाज के निर्माण में सादर सहयोग करें ! आप कैसे कवि हैं भाई ! ‘मुक्तिबोध’ को नहीं
Read Moreली एक चुप्पा सा बालक था। सत्र के शुरू में कक्षा में यह सुनिश्चित करना कठिन होता है की कौन सा बच्चा
Read Moreइस कोरोनाकाल में अपने लंगोटिया यारा ‘संजू’ को जन्मदिवस पर यही शुभकामना दे सकता हूँ कि घर या बाहर सुरक्षित
Read Moreपहले के ज़माने में जिम वगैरे तो थे नहीं। वर्जिस के लिए देशी अखाड़े थे। मामा के गाय का दूध
Read More‘स्वर्ण पदक’ जीतने पर शुभकामना —-‘मरियप्पन थंगवेलु’ सर, लेकिन इसबार के ‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार ‘ के असली हक़दार
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