सबिया (कहानी)
सबिया कितनी बदल गई थी. मुझे स्पस्ट याद हैं मैं पुरे पांच साल बाद गाँव लौटी हूँ. गाँव का स्वच्छ
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Read Moreपार्टी में समीर को देखकर आशा को लगा मानों उसका अतीत उसके सामने आ गया है। आशा मुम्बई के एक
Read Moreमोबाइल की रिंग बजते ही आँखें मूंद कर लेटे, अभय की तन्द्रा टूटी l वह कुछ समय पहले ही ऑफिस
Read Moreराम राम झिनकू काका, कैसे हैं आप…….सब खैरियत तो है न……… कब पधारे बबुआ, बहुत दिन बाद गांव याद आया………..ठीक
Read Moreआज कजरी बहुत खुश है मैके जाने का उसका सपना पूरा होने वाला है। है न अजीब बात, किसी लड़की
Read Moreफ़ेरे हो चुके हैं, तमाम रस्मों-रिवाज को निपटाने के बाद कुछ देर विश्राम के लिए काज़ल को एक कमरे में
Read Moreसोनाली का जन्मदिन था, अपने माता पिता की एकलौती संतान थी सोनाली, नाजों से पली हुई, घर में सभी की
Read Moreअजी, सुन रहे हैं बिहाने बिहाने कहाँ जूता चमका रहे हैं। घर- परिवार, नात- बात, अड़ोसी- पडोसी से भी मतलब
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