बारिश और पसीना
एक तो प्रकृति बरसा रही है और दूजे देह भी बरस रही है, पसीने के रूप में, स्वेद के रूप
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Read Moreनरम-गरम धूप की आँख-मिचौली बारिश आ रही, जा रही ! आज की दिनचर्या बस यही !
Read Moreसाल में एक दिन पिता के सम्मान के लिए फादर्स डे और उसमें भी ग्रहण लग गई !
Read Moreक्रिकेट में ‘चियर्स लीडर्स’ को हर चौके-छक्के पर उनकी स्कर्ट और टॉप के उढंगे साइज लिए नचवाना यह क्या महिलाओं
Read Moreहम कबतक अतीत के आविष्कारों की दुहाई देकर वर्त्तमान को नष्ट करते रहेंगे ?
Read Moreबहुमत की सरकार नेपाल जैसी भी हो सकती है, दूसरे की पत्नी को अपना बताकर संसद से पारित करवा सकती
Read Moreजन्म वृथा नहीं होती इसलिए आत्महत्या क्यों ? जो विज्ञान में तेज थे, उसे तो वैज्ञानिक बनना था ! फ़िल्म
Read Moreसम्पूर्ण देश के लिए एक राष्ट्रध्वज है, एक आधारकार्ड, वोटरकार्ड और राशनकार्ड है, तो पूरे देश में एक ही प्रकार
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