ग़ज़ल
गुज़र जाएगी यह शब हौसला रख सुबह के वासते दर को खुला रख सज़ा दे-दे या खुद को माफ़ करदे
Read Moreपास न हो तो भी मिट जाती हैं दूरियां सौ मील दूरी पर खनकती है जब उनकी चूड़ियाँ। मेघ की
Read Moreतुम चाहो तो मैं कह दूँ आज, तुम चाहो तो मैं ना भी कहूँ , इन झुकती आँखों के सारे
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