बाल कविता : नाच रहे थे खुशी में सारे
नाच रहे थे खुशी में सारे, रिमझिम बारिश बरस रही, पर जाने क्यूं,एक कोने में, बैठी चिड़िया सुबक रही, पूछा
Read Moreनाच रहे थे खुशी में सारे, रिमझिम बारिश बरस रही, पर जाने क्यूं,एक कोने में, बैठी चिड़िया सुबक रही, पूछा
Read Moreपाँच साल की हुई जो सिमरन, दादा बोले चल, नाम लिखा आता हूं स्कूल में पढ लिख कर बनो सफल,
Read Moreएक बार पार्टी थी घर में, लड्डू आए बड़े बड़े, खाते खाते दो लड्डू थाली मे से निकल पड़े, मां
Read Moreचुनमुन चुनमुन चल स्कूल, झाड़ किताबो की अब धूल, छुट्टी मे इतना खेले कि पढ़ना लिखना गए सब भूल खत्म
Read Moreपेड़ न होते इस धरती पर,, हरी-भरी इसे करता कौन ? पेड़ न होते तब हम सबको मीठे फल खिलाता
Read Moreवृक्षों से धरती सजाओ, पर्यावरण स्वच्छ बनाओ। इधर-उधर कूड़ा मत फैंको, धरती का कण-कण महकाओ॥ पोलीथीन से नाता तोड़ो, जूट
Read Moreईक लहरा बारिश हो गयी शहर गुलाबी हो गये । नदियों के किनारे भीग गये नदियों में बूदें तैर गयी
Read Moreचुन्नु-मुन्नू बन ठन के पहली बार स्कूल चले, नानाजी की सारी बातें रख बस्ते में भूल चले, चुन्नु-मुन्नू ने कक्षा
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