गीत : अब सरदी की हवा चली है
अब सरदी की हवा चली है, गरमी अपने गाँव चली है। कहीं रजाई या फिर कम्बल, और कहीं है टोपा
Read Moreअब सरदी की हवा चली है, गरमी अपने गाँव चली है। कहीं रजाई या फिर कम्बल, और कहीं है टोपा
Read Moreनेता मामा दूर के, पुए पकाएं गुड़ के आप खाएं थाली में, जनता को दें प्याली में प्याली गई परदेश
Read Moreएक समुद्र के किनारे एक बड़े-से पीपल के पेड़ पर एक तोता रहता था, उसका नाम मिठू था. हरे रंग
Read Moreशरदपूर्णिमा है जब आती। चमक चाँद की तब बढ़ जाती।। धरती पर अमृत टपकाता। इसका सबको “रूप” सुहाता।। नभ में
Read More(१) चुरा लिया एक फल का नाम भिन्न गुणों में पूरा बारूदों को बोले दोस्त उसके बिना अधूरा उत्तर –
Read More1. साबुन खाना खाने से पहले शौचक्रिया के बाद हाथ धोइए साबुन से रखें बात ये याद 2. सरसो तेल
Read Moreअंकिता षष्ठ कक्षा की होनहार छात्रो में से एक थी| सभी शिक्षको तथा सहपाठियों से घुलमिल कर रहा करती थी
Read Moreमामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई। नाचे-कूदे, गाने गाए, जमकर मौज मनाई। आगे-आगे बैण्ड बजे थे, पीछे बाजे
Read Moreकुट-कुट-कुट, खाऊंगी मैं दो बिस्कुट। एक-एक सबको मैं दूंगी, मुझको प्यारे दो बिस्कुट॥
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