नई चेतना भाग-४
शेठ इमरतिलाल लाला धनीराम से मिलने आये थे । दोपहर का वक्त था । लाला धनीराम शायद किसी काम से बाहर
Read Moreशेठ इमरतिलाल लाला धनीराम से मिलने आये थे । दोपहर का वक्त था । लाला धनीराम शायद किसी काम से बाहर
Read More” हाँ माँ ! वही धनिया । अपने कारखाने में ही काम करती है । बहुत अच्छी और मेहनती लड़की
Read Moreधीरे धीरे चलते हुए अमर फैक्ट्री पहुँच गया । सभी मजदूर अपना अपना काम शुरू कर चुके थे । धनिया भी
Read Moreलाला धनीराम की गिनती रामपुर के धनाढ्य लोगों में होती थी । अनाज के थोक व्यापार के अलावा उनकी धान कूटने
Read Moreडिटेक्टीव समीर अपनी टीम के साथ वीरू तेजा के फ्लैट के पास पहुँच गये थे समीर ने अपनी गाड़ी रोकी
Read Moreडिटेक्टीव समीर अपने आॅफिस में अकेले बैठा था और कातिल को पकड़ने की योजना बना रहा था तभी वहां सूरज
Read Moreअब समीर डिटेक्टीव समीर बन चुका था उसे इस बात का बड़ा अफसोस था कि वह स्नेहा से इतने गंदे
Read Moreसमीर को ऐसा लग रहा था कि आज उसने सब कुछ खो दिया हो समीर बोला मैं रेनुका को भूलने
Read Moreडिटेक्टीव करन डिटेक्टीव समीर के पास गया उर बोला क्या बात है मिस्टर करन? क्या मैने आपको हर्ट किया है?
Read Moreडिटेक्टीव करन ने काॅफी पीने के बाद फिर से अपनी बात जारी रखते हुये कहा कि रेनुका कार से गिरते ही
Read More