ईश्वर न्यायकारी व दयालु अवश्य है परन्तु वह कभी किसी का कोई पाप क्षमा नहीं करता
ओ३म् ईश्वर कैसा है? इसका सरलतम् व तथ्यपूर्ण उत्तर वेदों व वैदिक शास्त्रों सहित धर्म के यथार्थ रूप के द्रष्टा व
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Read Moreशतपथ ब्राह्ममण ने यजुर्वेद के एक मंत्र की व्याख्या में प्राण को अथर्वा बताया है। इस प्रकार प्राण विद्या या
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Read Moreओ३म् –देहरादून में भव्य वेद प्रचार आयोजन सम्पन्न- आज 13 सितम्बर, 2015 को देहरादून के विख्यात आर्य नेता इंजीनियर श्री
Read Moreकिसी शहर में एक आदमी रहता था। उसके तीन मित्र थे। पहले मित्र के लिए वह अपनी जान भी देने
Read Moreओ३म् आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने मनुष्य का जीवन जहां आसान व सुविधाओं से पूर्ण बनाया
Read Moreसंसार में मूर्ति पूजा का इतिहास ज्ञात करने पर पता चलता है कि जैन-बौद्ध-काल से पूर्व इसका आरम्भ नहीं हुआ
Read Moreओ३म् वैदिक जीवन चार आश्रम और चार वर्णों पर केन्द्रित व्यवस्था व प्रणाली है। ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास यह
Read Moreओ३म् कबीर दास जी ने सत्य की महिमा को बताते हुए कहा है कि ‘सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर
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