धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर न्यायकारी व दयालु अवश्य है परन्तु वह कभी किसी का कोई पाप क्षमा नहीं करता

ओ३म् ईश्वर कैसा है? इसका सरलतम् व तथ्यपूर्ण उत्तर वेदों व वैदिक शास्त्रों सहित धर्म के यथार्थ रूप के द्रष्टा व

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

अथर्ववेद के आलोक में आयुर्वेद विमर्श

शतपथ ब्राह्ममण ने यजुर्वेद के एक मंत्र की व्याख्या में प्राण को अथर्वा बताया है। इस प्रकार प्राण विद्या या

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वेदों का ज्ञान और समाज का पुराण वर्णित अन्ध विश्वासों का आचरण

ओ३म् सृष्टि की रचना करने के बाद से ईश्वर मनुष्यों को जन्म देता, पालन करता व उनकी सभी सुख सुविधा

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्मसमाचार

तपस्या से जीवन का गुणवर्धन और मूल्यवृद्धि: आचार्य ओमव्रत शास्त्री

ओ३म् –देहरादून में भव्य वेद प्रचार आयोजन सम्पन्न- आज 13 सितम्बर, 2015 को देहरादून के विख्यात आर्य नेता इंजीनियर श्री

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर व जीवात्मा के यथार्थ ज्ञान में आधुनिक विज्ञान भ्रमित है।

ओ३म् आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने मनुष्य का जीवन जहां आसान व सुविधाओं से पूर्ण बनाया

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्मसामाजिक

सभी चार आश्रमों में श्रेष्ठ व ज्येष्ठ गृहस्थाश्रम

ओ३म् वैदिक जीवन चार आश्रम और चार वर्णों पर केन्द्रित व्यवस्था व प्रणाली है। ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास यह

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

संसार में मनुष्यों के कर्तव्य संबंधी ज्ञान-विज्ञान का सर्वोत्तम ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश

ओ३म् कबीर दास जी ने सत्य की महिमा को बताते हुए कहा है कि ‘सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर

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