जीवात्मा और इसका पुर्नजन्म
ओ३म् हम इस विस्तृत संसार के एक सदस्य है। चेतन प्राणी है। हमारा एक शरीर है जिसमें पांच ज्ञानेन्द्रियां, पांच
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Read Moreहमारे 18 पुराणों में दशावतारों की कथा आती है। लेकिन पढे-लिखे लोग इसे काल्पनिक मानते हैं। इसमें उनकी कोई गलती
Read Moreओ३म् हमने अद्यावधि जो अध्ययन किया है उसके आधार हमें लगता है कि भारत की संसार को सबसे प्रमुख देन
Read Moreओ३म् सभी आंखों वाले प्राणी सूर्य, चन्द्र व पृथिवी से युक्त नाना रंगों वाले संसार को देखते हैं परन्तु उन्हें
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Read Moreओ३म् गायत्री मन्त्र आध्यात्मिक एवं सामाजिक जीवन में एक श्रेष्ठ वेदमन्त्र के रूप में विश्व में जाना जाता है। इसमें
Read Moreओ३म् श्री मद्दयानन्द ज्योतिर्मठ आर्ष गुरुकुल, पौन्धा-देहरादून आर्यजगत की प्रसिद्ध संस्था है जहां प्राचीन वैदिक आर्ष पद्धति से संस्कृत व्याकरण
Read Moreओ३म् मनुष्य एक विचारशील या बुद्धिमान प्राणी है। मनुष्य का बुद्धि तत्व अन्य सभी प्राणियों से विशिष्ट होने के कारण
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द ने जब उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में वैदिक धर्म का प्रचार आरम्भ किया तो उस समय त्रैतवाद
Read Moreओ३म् सामवेद उपासना तथा ईश्वर की स्तुति-गान का वेद है। उपासना ईश्वर के पास बैठकर आनन्द में सराबोर होना है।
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