“शुद्धि” प्राचीन आर्य विधान है
“घर वापसी”, शुद्धि, परावर्तन अनेक नामों से हम लोग एक प्राचीन संस्कार से आज परिचित है। प्राचीन काल में अनार्यों
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Read Moreचारों वेदों में ऐसा कहीं नहीं लिखा जिससे अनेक ईश्वर सिद्ध हों। किन्तु यह तो लिखा है कि ईश्वर एक
Read Moreहमारे अनेक क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र वर्ण के बन्धु प्रायः कहा करते हैं कि महाराज मनु ने ब्राह्मणेतर वर्णों के
Read Moreएक मित्र आज एक सुन्दर प्रश्न पूछा की धर्म और सम्प्रदाय (मज़हब) में क्या अंतर हैं। यह प्रश्न मुझे अत्यंत
Read Moreगुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वर: । गुरुर्साक्षात् परब्रह्मं, तस्मे श्री गुरवे नमः ।। हिन्दू समाज के आदि शंकराचार्य के लिखे इस
Read Moreमनुष्य का धर्म क्या है व अधर्म किसे कहते हैं? आज का शिक्षित मनुष्य स्वयं को सभ्य कहता है परन्तु
Read Moreसंसार के सभी धर्म जो वस्तुतः मत-मतान्तर व मजहब आदि हैं, सर्वांगीण न होकर एकांगी हैं। इनमें सत्य व असत्य
Read Moreस्वामी श्रद्धानन्द का प्रकाशमय जीवन एक काल में घोर अन्धकार में था। आप लिखते हैं जब मैं छोटा था मेरे
Read Moreहमें मनुष्य जन्म हमारे माता-पिता से मिला है। माता-पिता चाहते हैं कि हमारी सन्तानें हमारे अनुकूल हों और हमारी सेवा
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