ईश्वर और हम हमेशा साथ रहेंगे, वह हमारा चिरस्थाई साथी है
हम मनुष्य हैं। हम संसार में आते हैं। हमारा सबसे पहले माता–पिता से सम्बन्ध बनता है। माता की ही गोद
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Read Moreस्वामी श्रद्धानन्द – धर्म और सम्प्रदाय में क्या अंतर है ? संसार के सम्प्रदाय धर्म की रक्षा के लिए स्थापन
Read Moreपक्षपात वहीं सत्ता या व्यक्ति करता है जो अज्ञानी, अल्पज्ञानी, स्वार्थी, मक्कार, कामी आदि अवगुणों से युक्त है। यदि किसी
Read Moreहम सब अपनी आंखों से संसार को देखते हैं। सूर्य को भी हम अपने चर्म चक्षुओं की सहायता से देखते
Read Moreएक सज्जन अपने परिचय में स्वयं को नास्तिक लिखते हैं और कहते हैं कि क्या यह परिचय काफी नहीं है?
Read Moreएक ईसाई प्रचारक बड़े जोश में पंजाब के देहात में जाकर प्रचार करने लगा। उसने सोचा की मसीह की शिक्षा
Read Moreसंस्कृत का “स्व” शब्द विश्व के भाषा साहित्य का एक गौरवपूर्ण व महिमाशाली शब्द है। इस शब्द में स्वयं को
Read Moreमहर्षि दयानन्द को 13, 15 और 17 वर्ष की आयु में घटी शिवरात्रि व्रत, बहिन की मृत्यु और उसके बाद
Read Moreगीता मे हृदयं पार्थ गीता मे सारमुत्तमम्। गीता में ज्ञानमत्युग्रं गीता मे ज्ञानमव्ययम्। । गीता की महत्ता के विषय में
Read Moreभारतीय व विदेशी विद्वान स्वीकार करते हैं कि वेद संसार के पुस्तकालय की सबसे पुरानी पुस्तकें हैं। वेद चार है,
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