स्वाध्याय से जीवनोद्देश्य का ज्ञान व इच्छित फलों की प्राप्ति
संस्कृत का “स्व” शब्द विश्व के भाषा साहित्य का एक गौरवपूर्ण व महिमाशाली शब्द है। इस शब्द में स्वयं को
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Read Moreमहर्षि दयानन्द को 13, 15 और 17 वर्ष की आयु में घटी शिवरात्रि व्रत, बहिन की मृत्यु और उसके बाद
Read Moreगीता मे हृदयं पार्थ गीता मे सारमुत्तमम्। गीता में ज्ञानमत्युग्रं गीता मे ज्ञानमव्ययम्। । गीता की महत्ता के विषय में
Read Moreभारतीय व विदेशी विद्वान स्वीकार करते हैं कि वेद संसार के पुस्तकालय की सबसे पुरानी पुस्तकें हैं। वेद चार है,
Read Moreशंका- रामपाल प्रकरण में तमाम मीडिया धर्म को अन्धविश्वास का प्राय: बता रहा हैं एवं यह दिखाने का प्रयास कर
Read Moreमनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसके चारों ओर अपने निकट सम्बन्धी और पड़ोसियों के साथ मि़त्र व पशु-पक्षी आदि का
Read Moreमित्रो, आइये प्रण कीजिये की हम इन सभी धर्म मजहबो को छोड़ के कोई मानवतावादी और नैतिकतावादी सिद्धांत अपनाएंगे जो
Read Moreएक शाश्वत प्रश्न है कि मैं कौन हूं। माता पिता जन्म के बाद से अपने शिशु को उसकी बौद्धिक क्षमता
Read Moreहमारे देश व समाज में कुछ बन्धु स्वयं को नास्तिक कहते हैं। उनसे पूछिये कि नास्तिक का क्या अर्थ होता
Read Moreसमस्त वैदिक साहित्य में मनुस्मृति का प्रमुख स्थान है। जैसा कि नाम है मनुस्मृति मनु नाम से विख्यात महर्षि मनु
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