मनुस्मृति का सर्वग्राह्य शुद्ध स्वरूप
समस्त वैदिक साहित्य में मनुस्मृति का प्रमुख स्थान है। जैसा कि नाम है मनुस्मृति मनु नाम से विख्यात महर्षि मनु
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Read Moreसभी प्राणियों को ईश्वर ने बनाया है। ईश्वर सत्य, चेतन, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वान्तरयामी, सर्वातिसूक्ष्म, नित्य, अनादि, अजन्मा, अमर, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान
Read Moreवेदों के सामने अन्य मजहबी ग्रन्थ तुच्छ हैं—- (1.) डार्विन नामक ईसाई ने कहा :—- दूसरों के अनाज को खाकर
Read Moreबच्चा जब संसार में जन्म लेता है तो वह न तो अपनी भावना को बोल कर कह सकता है और
Read Moreआत्मा का अस्तित्व हर धर्म में स्वीकार गया है , पत्न्तु जिस तरह से सभी धर्मो में मिथ्या रूप से
Read Moreआईये, पौर्वीय एवं पाश्चात्य वेदों के भाष्यकारों पर दृष्टि डालते हैं। महाभारत काल के बाद से अब तक लगभग 5,115
Read Moreहम संसार में देख रहे हैं कि अनेक मत-मतान्तर हैं। सभी के अपने-अपने इष्ट देव हैं। कोई उसे ईश्वर के
Read Moreईश्वर का अवतार होता है या नहीं? विचारणीय प्रश्न है। हमारे पौराणिक बन्धु जो स्वयं को सनातन धर्मी कहते हैं,
Read Moreआज गुरु नानक जी का प्रकाश उत्सव हैं। हर साल की भांति सिख समाज गुरु नानक के प्रकाश उत्सव पर
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