‘परोपकारिणी सभा के उत्सव में पं. श्यामजी कृष्ण वर्म्मा और पं. गुरूदत्त विद्यार्थी के ऐतिहासिक व्याख्यान’
इस लेख में इतिहास के एक महत्वपूर्ण प्रसंग की चर्चा कर रहे हैं। 28 व 29 दिसम्बर सन् 1887 को
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Read Moreमहर्षि दयानन्द के साक्षात् शिष्यों में प्रथम व यशस्वी शिष्य पं. गुरूदत्त विद्यार्थी का जन्म 26 अप्रैल, 1864 ई. को
Read Moreआर्य समाज उन्नीसवीं शताब्दी व उसके बाद देश का सामाजिक व राजनैतिक क्रान्ति का एक महान संगठन था व है,
Read Moreआज देश भर में होली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। 118 वर्ष पूर्व आज ही 6
Read Moreमहर्षि दयानन्द महाभारत काल के बाद विगत पांच हजार वर्षों में वेदों के पहले ऋषि हुए हैं। उन्होंने वेदों का
Read Moreप्राग राज के निवास समय श्री गोबिंद राय जी के जन्म से पहले एक दिन माता नानकी जी ने स्वाभाविक
Read Moreराजस्थान पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय श्री कर्पूरचंद्र कुलिश जी ऐसी शख्सियत हैं जिन्हें मैं जिंदगी का असली हीरो मानता हूं।
Read Moreपंजाब प्रान्त के होशियारपुर नगर में एक कुलीन परिवार की युवा लड़की अपनी तरुणावस्था से ही वैराग्यवती हो गई थी।
Read Moreपं. धर्मदेव विद्यामार्तण्ड के नाम से विख्यात आर्य विद्वान बीसवीं शताब्दी के विश्व प्रसिद्ध वैदिक विद्वानों में से एक थे।
Read Moreभारत में कुछ लोग अपने को ” आर्य’ कहते है ,आर्य शब्द वे अपने नाम के साथ बड़े गर्व से
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