रंगमंच पर जाति का खेल: कितना जायज़?
कला का काम समाज को जागरूक करना है, उसकी विविधताओं को सम्मान देना है, और उस आईने की तरह बनना
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Read Moreभारत को दुनिया में कृषि प्रधान देश के रूप में जाना जाता है। जो खेती से अपनी विशाल आबादी की
Read More“है प्रीत जहाँ की रीत सदा मैं गीत वहाँ के गाता हूँभारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता
Read Moreबॉलीवुड के स्वर्ण युग के एक ऐसे सितारे ने शुक्रवार को हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया, जिसकी
Read Moreयह फिल्म हरियाणवी सिनेमा के बदलते परिदृश्य को दर्शाती है, जो पारंपरिक कहानियों से आगे बढ़कर नए विषयों को अपनाने
Read Moreरोजगार हमारी ज़रूरतों के लिए आवश्यक है, लेकिन कला और मनोरंजन मानसिक शांति और प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं।
Read Moreकाव्य-प्रणयन की सामर्थ्य उत्पन्न करने वाले साधनों को ‘काव्य हेतु’ या काव्य का कारण कहा जाता है। ये साधन ही
Read Moreयां तो नव वर्ष हम साल भर में अनेक बार मनाते हैं लेकिन उस नव वर्ष का अपना अलग ही
Read Moreआज राजस्थान दिवस है। प्रदेश की स्थापना की सुनहरी वर्षगांठ का उमंग और उल्लास से भरा पावन अवसर। शौर्य-पराक्रम भरे
Read Moreहरियाणवी लोकसंस्कृति का एक महत्त्वपूर्ण अंग रागनी आज विलुप्ति के कगार पर है। मनोरंजन के आधुनिक साधनों के आगमन और
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