शिक्षक समाज की धुरी व देश निर्माता
समाज की नवचेतना को आकार एवं दिशा देने में शिक्षक की अहम् भूमिका होती है। शिक्षक समाज का दर्पण व
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Read Moreसाधू संतों को पूजने की परिपाटी हमारे देश में बहुत पुरानी है। पहले चतुर्मास में साधू सन्यासी गांव के बाहर
Read Moreगोरखपुर के चर्चे सियासी गलियारों में तेज़ है। तो उसी गोरखपुर के चर्चे जनमानस के जुबां पर भी है। अगस्त
Read Moreसपनों का भारत : सर्वधर्म समभाव की दृष्टि से ——————————————————- सपनों का भारत ऐसा भारत जिसमें सिर्फ प्रेम हो –
Read Moreस्वामी विवेकानंद और लालाजी ने संस्था बनाने के लिए पूरी बातें विस्तार से समझाई । कैसे लोगों को संस्था में
Read Moreआज एक बड़ी घटना बाज़ार का हिस्सा बनती जा रहीं है। वह है, पोर्टिबिलिटी। मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी, बैंक पोर्टिबिलिटी। क्या
Read Moreआज की नजाकत में धर्म पर हावी विज्ञान है। फ़िर भी धर्मांधता का चश्मा समाज पर चढ़ा है।
Read Moreकुछ ही दिन बीते थे, सिमी को अपने मायके आये, लेकिन उसे इस बार का मायका आना,
Read Moreमहात्मा आनन्द स्वामी जी (पूर्व आश्रम का नाम खुशहाल चन्द) का नाम आज भी प्रायः प्रत्येक आर्यसमाज का सक्रिय अनुयायी
Read More३१ अक्टूबर १९४४ ; लालाजी (बाबूजी के गुरु जी) को चेतना के सभी स्तरों पर अधिकार था । जागृत अथवा
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