सबको आनन्द देने वाला परमेश्वर हम सब पर सब ओर से सर्वदा सुख की वृष्टि करे
ओ३म् परमेश्वर का भली-भांति ध्यान करने को सन्ध्या कहते हैं। सन्ध्या करने का समय रात और दिन के संयोग समय
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Read Moreओ३म् मनुष्य को मनुष्य इसके मननशील होने के कारण ही कहा जाता है। मनुष्य व पशु में अनेक समानतायें हैं।
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द के देश और संसार को अनेक योगदानों में से एक प्रमुख योगदान यह भी है कि उन्होंने
Read Moreसबको सम्मति दे भगवान यह सही है कि लफ्जों में इतनी ताकत होती है कि किसी पुरानी डायरी के पन्नों
Read Moreओ३म् आर्यसमाज की स्थापना 10 अप्रैल, सन् 1875 को ऋषि दयानन्द सरस्वती ने मुम्बई में की थी। इसका उद्देश्य था
Read Moreओ३म् हम परिवार शब्द का प्रयोग बहुधा करते हैं। पहले भारत में संयुक्त परिवार होते थे। एक परिवार में कई
Read Moreओ३म् इस संसार और पूरे ब्रह्माण्ड में सबसे महान कौन है? इसका उत्तर है कि इस संसार को बनाने व
Read Moreओ३म् लेख की भूमिका डा. जयदत्त उप्रेती जी आर्यसमाजा के वरिष्ठ विद्वान, विचारक वा चिन्तक हैं। आपने फोन पर
Read Moreकिसी भी देश की सेना उस देश की शक्ति का अहसास करती है! सेना हमारी सीमा की रक्षा करती है.
Read Moreसरोजनी प्रीतम का व्यंग्य कितना सार्थक है आज के परिपेक्ष्य में- ‘ पुस्तक मेला भी पशु मेला नजर आया .
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