भारतीय भाषाओं में है आत्मनिर्भरता का मूल
भाषा संवाद में जन्म लेती है और उसी में पल बढ कर समाज में संवाद को रूप से संभव बनाती
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Read Moreभाषाई मानदंड के लिहाज से कभी-कभी यह संशय भी लगता है कि यह ठाकुर की रचना है या नहीं !
Read Moreअभी हाल ही में हमने आपको इंग्लैंड के गुरमेल भमरा की रचना आँखें (कहानी) पढ़वाई थी. इस कहानी में हमने
Read Moreशायर श्री इरशाद कामिल कहते हैं- “कउ बात नइखे ! मित्र को सुखद दाम्पत्य-जीवन की शुभमंगलकामनाएँ! मुझे वो ढूढ़ता है
Read Moreचित्रकला हमारे जीवन में बोहोत महत्वपूर्ण है!!आदि मानव भी अगर चित्रकला नही करते तो हम इतिहास जान ही नहीं पाते!चित्रकला
Read Moreमेरी कविता ‘वेश अनेक, राज्य अनेक’ यानी ‘तुम पक्के हिंदुस्तानी’ ने 31 वर्ष पूर्ण की । पहलीबार यह कविता पूर्णिया,
Read Moreवक्त के साथ जमाना बदला और बदल गए बच्चों के सारे खेल भी। गुल्ली डंडा, आँख मिचौली, लट्टू नचाने से
Read Moreपंडित दीन दयाल उपाध्याय भारतीय राजनीति में एक जाना-माना नाम है। उन्होंने अपना प्रारंभिक जीवन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के
Read Moreकोरोनाकाल एक संक्रमणकाल है, एतदर्थ इस संक्रमण के दौर में मन के अंदर आस्था और श्रद्धा निहित होनी चाहिए, न
Read Moreदिनकर जी यानी स्वयं युगधर्म की हुँकार हूँ मैं ! क्रांतिधर्मी कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी का जन्म 23 सितंबर
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