भाषा-साहित्य

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हिंदी कवि धूमिल की कविताओं में श्रमिकों के लिए हर दिन मुक्ति दिवस

‘मेरे पास अक्सर एक आदमी आता है और हर बार मेरी डायरी के अगले पन्ने पर बैठ जाता है।’ हिंदी

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जनचेतना का प्रगतिशील हिंदी कथा-पत्रिका ‘हंस’ : पुनर्मूल्यांकन के दौर में

हंस, मार्च 2020 अंक की उपलब्धि एकसाथ तीन सम्पादकीय का होना है। कथा सम्राट प्रेमचंद के द्वारा सम्पादित ‘हंस’ के

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20वीं सदी के हिंदी उपन्यासकार अनूपलाल मंडल के औपन्यासिक पुरुष-पात्रों में साहस का अभाव है !

कोई पिता के नाम से जाने जाते हैं, कोई दादा-परदादा के जमींदाराना ‘स्टेटस’ से पहचाने जाते हैं, किंतु यह पहचान

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न्यायपालिका और हिन्दी : अवरोध और चुनौतियाँ

लोकतांत्रिक सरकार के तीन अंग हैं = विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। इनमें न्यायपालिका की अहम एवं सशक्त भूमिका रहती है।

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वर्त्तमान परिपेक्ष्य में साहित्यकारों का दायित्व

आज हमारे समाज की स्थिति प्राचीन समाज की स्थिति से बहुत ही भिन्न हो चुकी है क्योंकि हम सब प्राचीन

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असली साहित्य और साहित्यकार

कबीर, प्रेमचंद, भारतेंदु हरिश्चंद्र, गोर्की, लियो टॉलस्टॉय, तुर्गनेव, दोस्तोवयस्की, गोगोल, विलियम शेक्सपियर, शहीद-ए-आजम स्वर्गीय भगत सिंह, शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी,

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