हिंदी से नाता टूट सा गया है
राष्ट्रभाषा पर नूतन विचार पढ़ने और आगे बढने से पहले आप यह जानें कि राज्यभाषा, राजभाषा, राष्ट्रभाषा और मातृभाषा क्या
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Read Moreस्वतंत्रता सैनानियों ने अपना बलिदान इसलिए दिया था कि उनका देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त होकर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी
Read Moreआजकल मैं इंदौर में हूं। यहां के अखबारों में छपी एक खबर ऐसी है कि जिस पर पूरे देश का
Read Moreभाषा शिक्षण का क्षेत्र अनुप्रायोगिक है। इसमें विभिन्न विषयों के शिक्षण के लिए जिस भाषा का प्रयोग होता है, वह
Read Moreतमिल भाषा एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है। कारण प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा छात्रों से वार्तालाप के समय एक
Read Moreदोहा विश्व साहित्य का सर्वाधिक पुरातन और प्रभावी छंद है। यह अतिशयोक्ति नहीं सत्य है कि दोहा ने संभावित युध्दों
Read Moreसुविख्यात वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने अखबारों में भ्रष्ट भाषा का जो मुद्दा उठाया है वह प्रासंगिक और
Read Moreकभी सहिष्णुता को अपना मुद्दा बनाने वाले हमारे तथाकथित हिन्दी सिने कलाकारों ने आज भारतीय हिन्दी सेवियों को उनकी सहनशीलता
Read Moreआजकल मैं मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों और गांवों में घूम रहा हूं। जहां भी रहता हूं, सारे अखबार
Read Moreहिंदी इस समय एक विचित्र दौर से गुज़र रही है। अनेक शताब्दियों से जो इस देश में अखिल भारतीय संपर्क
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