कविता राज किशोर मिश्र 'राज' 29/01/2017 गणतंत्र गणतंत्र खंड खंड कर राज फिरंगी गणतंत्र मनाते हैं। हम भारत माँ के लाल – तिरंगा फहराते हैं । देशभक्ति के Read More
कवितापद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 26/10/2015 गणतंत्र, मन का चोर, राजा सुनो एक राजा की कहानी !(काल्पनिक ) गणतंत्र का महिमा है, कोई भी लड़े चुनाव फ़क़ीर बन गए राजा, जीतकर आम चुनाव| आनंद विभोर भये राजा, Read More