गर टूटते न ‘नीरज’ दुनिया में लोगों के दिल
गर आतिशे हिज़र में ये खुदी जली न होती । तो ज़िन्दगी में ऐसी कभी रौशनी न होती । मै
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Read Moreसोचा करता हूँ मै तेरा ओहदा रब से कम क्या होगा । हिज़्र में जब है इतनी लज्जत वस्ल का
Read Moreहर तरफ फैलते ही जाना है । खुशबुओं का कहाँ ठिकाना है । हमसफ़र आप सा मिले जिसको, उसका तो
Read Moreसाथिया इश्क में अब दौर भी ऐसा आये । कोई देखे जो मुझे ख्याल तुम्हारा आये । पलकें खोलूँ या
Read Moreहाल तुम्हारा अक्सर खुद से पूछा करता हूँ । इतने प्यारे क्यूँ लगते हो सोचा करता हूँ । अपने दिल
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