छंद : मत्तग्यन्द सवैया
देख गरीब मजाक करो नहि, हाल बनो किस कारण जानो। मानुष दौलत पास कितेकहु, दौलत देख नही इतरानो। ये तन
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Read Moreमत्तगयन्द सवैया =वार्णिक छन्द सात भगण अंत में दो गुरू मापनी =२११ २११ २११ २११ =२११ २११ २११ २२= २३
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