गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 25/01/201625/01/2016 गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभ कामनाएँ, मदन मोहन सक्सेना, ये कैसा तंत्र गीतिका : ये कैसा तंत्र कैसी सोच अपनी है किधर हम जा रहे यारो गर कोई देखना चाहे बतन मेरे वह आ जाये तिजोरी में Read More