कुण्डली/छंद राज किशोर मिश्र 'राज' 07/02/2016 सार छ्न्द सार छ्न्द सार छ्न्द=१६,-१२ यति = अंत=२२ कल कल करके नदियाँ बहती – सागर की मन रानी/ चल-चल कंकड़ पत्थर सहती – Read More